देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट स्पेन ब्रिज तकनीकी परंपरा को जोड़ता हुआ एक नया युग का आरंभ।भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और अधोसंरचना विकास एक अनोखा उदाहरण।

नया पंबन रेल पुल अब देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट स्पिन ब्रिज बन चुका है यह पुल सिर्फ इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत और नवभारत की गति है,।
पंबन पुल और इससे जुड़ा इसका इतिहास
दुनिया जहान – जो कि अंतरराष्ट्रीय विषयों की गहन पड़ताल करता कार्यक्रम था।
पंबन ब्रिज पूल बनाने की योजना एक शताब्दी पहले ब्रिटिश सरकार ने तैयार की थी इसके तहत धनुषकोडी भरत और थालाईमन्नार श्रीलंका के बीच समुद्री मार्ग को सुविधा जनक बनाने के लिए ऐसा रेलवे ब्रिज चहिए था जिसके नीचे से जहाज गुजार सके।
भारत का पहला समुद्री पुल पंबन पुल अपने समय का इंजीनियरिंग चमत्कार था। उस समय ये पुल समुद्री तल से 12.5 मी ऊपर और 145 खंभों पर खड़ा था और इसके डबल लीफ वैस्कुलर स्पिन था एक शेरघर रोलिंग लिफ्ट ब्रिज जो जहाजों गुजरने के लिए खुला था।
1914 में निर्मित पुल भारत का पहला समुद्री पुल था जिसने रामेश्वरम दीप को मुख्य भूमि से जोड़ा लेकिन समय के साथ-साथ समुद्री ज्वार भाटाऔ और मौसम की मार ने इसकी मजबूती को कम कर दिया इसके स्थान पर नवीन तकनीकी से सुसज्जित नया पुल देश के पूर्व और दक्षिणी छोर के लिए एक नई कड़ी के रूप में उभरा है।
नए पुल की विशेषताएं
नए पुल की सबसे विशिष्ट विशेषताएं इसका वर्टिकल लिफ्ट डिजाइन है।
जो इसे भारत का पहला ऐसा रेलवे पुल बनाता है जो 17 मीटर ऊंचा उठ सकता है, यह डिजाइन विशेष रूप से समुद्री यातयात को सहज बनाने के लिए तैयार किया गया है ताकि जहाज और नौकाएं आसानी से पुल के नीचे से गुजार सकें।
इस पुल में जलवायु आधारित सुरक्षा पर प्रणाली भी शमिल है जो तेज हवाओं की स्थिति मैं स्वचालित चेतावनी प्रणाली से ट्रेनों को रोक सकती है।
इस प्रणाली का नाम थ्री कप एनीमोमीटर है,। यह यंत्र हवा की गति का अनुमान लगाकर सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

यह पुल स्वदेशी तकनीक से निर्मित आत्मनिर्भर भारत अभिमान का उत्कृष्ट उदाहरण है, स्कूल को निर्मित करने में 330 से अधिक गहरे पाइप फउंडेशन लगाए गए हैं। और इसके कोर तकनीक भी भारतीय इंजीनियरिंग द्वारा विकसित की गई है। यह निर्माण भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता में मिल का पत्थर सबित होगा।
पंबन ब्रिज क्यों है खास
रामेश्वरम न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पुल दक्षिण भारत के पर्यटन व्यापार और आपूर्ति शृंखला को गति देने में सहायक होगा। साथी रक्षा रणनीति में भी एक निर्णायक भूमिका निभाएगा।
पुल के उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम तंबारक चेन्नई एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। जो प्रतिदिन पंबन ब्रिज से गुजरने वाली ट्रेनों की 15वीं जोड़ी होगी ।