देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को जाति जनगणना को मंजूरी दी।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जाति जनगणना करने का फैसला लिया है। देश भर में शुरू होने वाली जनगणना के साथ ही यह आंकड़ा भी जुटाया जाएगा। इसके तहत जनगणना के फॉर्म में ही जाति का भी कॉलम होगा। इसके आधार पर ही जानकारी जुटाई जाएगी कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा।
देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी:बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो।
देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को जाति जनगणना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। देश में इसी साल के आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं।
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जाति जनगणना की शुरुआत सितंबर में की जा सकती है।
हालांकि जनगणना की प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है।
इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
जाति जनगणना के ऐलान के बाद राहुल गांधी ने कहा- आखिरकार सरकार ने जाति जनगणना की बात कह दी है। हम इसे सपोर्ट करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी समय सीमा बतानी होगी।
हमने तेलंगाना में कास्ट सेंसस कराया, इसे मॉडल बनाया जा सकता है। हमें कास्ट सेंसस से आगे जाना है। किस जाति की ऊंचे पदों में कितनी हिस्सेदारी है, ये पता करनी है।
जनगणना फॉर्म में 29 कॉलम बनाएं गए हैं, इसमें केवल SC-ST की डिटेल
2011 तक जनगणना फॉर्म में कुल 29 कॉलम होते थे। इनमें नाम, पता, व्यवसाय, शिक्षा, रोजगार और माइग्रेशन जैसे सवालों के साथ केवल SC और ST कैटेगरी से ताल्लुक रखने को रिकॉर्ड किया जाता था। अब जाति जनगणना के लिए इसमें एक्स्ट्रा कॉलम जोड़े जा सकते हैं।
देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी:बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो।
हालांकि जनगणना की प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है।
इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
जाति जनगणना के ऐलान के बाद राहुल गांधी ने कहा- आखिरकार सरकार ने जाति जनगणना की बात कह दी है। हम इसे सपोर्ट करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी समय सीमा बतानी होगी।
जातियों की गिनती के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा
जनगणना एक्ट 1948 में एससी- एसटी की गणना का प्रावधान है। ओबीसी की गणना के लिए इसमें संशोधन करना होगा। इससे ओबीसी की 2,650 जातियों के आंकड़े सामने आएंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार, 1,270 एससी, 748 एसटी जातियां हैं। 2011 में एससी आबादी 16.6% और एसटी 8.6% थी।
2011 में सामाजिक-आर्थिक गणना हुई, आंकड़े जारी नहीं
मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाई गई थी। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने करवाया था। हालांकि इस सर्वेक्षण के आंकड़े कभी भी सार्वजनिक नहीं किए गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर इसके एससी-एसटी हाउसहोल्ड के आंकड़े ही जारी किए गए हैं।
फैसले पर किसने क्या कहा:
मल्लिकार्जुन खड़गे– आज मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। ये सही कदम है जिसकी हम पहले दिन से माँग कर रहे थे। मैंने कई बार इसे संसद में उठाया और प्रधानमंत्री जी को पत्र भी लिखा। INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी कई बार जातिगत जनगणना की माँग की है और लोकसभा चुनाव में ये अहम मुद्दा बना। बार-बार प्रधानमंत्री मोदी जी सामाजिक न्याय की इस नीति को लागू करने से बचते रहे और विपक्ष पर समाज को बांटने का झूठा आरोप लगाते रहे। जातिगत जनगणना के अभाव में, सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधूरा है, इसीलिए ये सभी वर्गों के लिए ज़रूरी है।
चिराग पासवान- देशहित में अहम फैसला लिया गया है। यह फैसला समावेशी विकास के लिए लिया गया है।
केशव मौर्य- कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है। कांग्रेस केवल कहती है मोदी सरकार करती है। कांग्रेस पार्टी केवल ढोंग कर रही थी।
तेजस्वी यादव- यह फैसला हमारी जीत है। हमारी बात सरकार को माननी पड़ी।
कांग्रेस नेता उदित राज– यह कांग्रेस की जीत है। आखिरकार मोदी सरकार को जाति जनगणना करानी पड़ रही है।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय: जाति जनगणना का फैसला दर्शाता है कि सरकार देश और समाज के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।