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संविधान किसी देश या संगठन के संचालन का एक प्रारूप है जो सरकार की संरचना, शक्तियों और कार्यों को निर्धारित करता है, और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का वर्णन करता है, हमें संविधान की आवश्यकता है क्योंकि यह कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अधिकारों की रक्षा करने और शासन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने में मदद करता है।

संविधान क्या है ?

संविधान एक लिखित दस्तावेज है जो किसी देश के शासन की मूलभूत सिद्धांतों, संरचना, प्रक्रियाओं और शक्तियों का वर्णन करता है, यह सरकार के विभिन्न अंगों जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के बंटवारे को भी निर्धारित करता है. संविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का भी वर्णन करता है।

हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है ?

शासन के लिए ढांचा :

संविधान सरकार की संरचना और शक्तियों का वर्णन करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सरकार अपने कार्यों का संचालन सही तरीके से करे।

कानून और व्यवस्था :

संविधान एक नियम और व्यवस्था प्रदान करता है जिससे सरकार और नागरिक दोनों कानूनी दायरों के अंतर्गत रहकर कार्य का निष्पादन करते हैं।

अधिकारों की रक्षा :

संविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है, जैसे कि स्वतंत्रता, समानता और न्याय इत्यादि।

स्थिरता :

संविधान शासन में स्थिरता प्रदान करता है क्योंकि यह सरकार के संचालन के लिए एक निर्धारित ढांचा प्रदान करता है।

जवाबदेही :

संविधान सरकार को जवाबदेह बनाता है क्योंकि यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और सरकार को अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराता है।

अत्याचार के खिलाफ सुरक्षा :

संविधान नागरिकों को अत्याचार और शोषण से बचाता है क्योंकि यह उनके अधिकारों की रक्षा करता है।

विश्व का सबसे पुराना अलखित संविधान कहां का है?

विश्व का सबसे पुराना संविधान सैन मैरिनो का है। यह सैन मैरिनो गणराज्य का संविधान है, जो लगभग 1600 से लागू है, यह एक अलिखित संविधान है। स्रोत : विकपीडिया

सैन मैरिनो के संविधान को 1600 के कानून के रूप में भी जाना जाता है, जो 1600 में छह अलग-अलग लैटिन दस्तावेजों का एक समूह था. इन दस्तावेजों में मूल रूप से शासन के नियमों, कानून, और प्रक्रियाओं का उल्लेख था। ये दस्तावेज समय के साथ कई बार संशोधित हुए हैं, और आधुनिक सैन मैरिनो गणराज्य के लिए संविधान का आधार बनाते हैं।

सबसे पुराना लिखित संविधान किस देश का है ?

विश्व का सबसे पुराना संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका United States of America का है। संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान 1787 में बनाया गया था और यह अभी भी लागू है। स्रोत : विकिपीडिया

यह विश्व का पहला लिखित संविधान भी है। यह 17 सितंबर 1787 को तैयार किया गया था, 21 जून 1788 को इसकी पुष्टि की गई थी और 4 मार्च 1789 को यह लागू हुआ था। टेस्टबुक के अनुसार।

अमेरिका का संविधान सबसे कठोर क्यों?

संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान कठोर है। अर्थात् अमेरिकी कांग्रेस के द्वारा जिस प्रक्रिया के आधार पर सामान्य कानूनों का निर्माण किया जाता है उसी प्रक्रिया के आधार पर संवैधानिक कानूनों का निर्माण अर्थात् संविधान में संशोधन का कार्य नहीं किया जा सकता।

विश्व का सबसे बड़ा लिखित सविधान किस देश का है ?

विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत का है, जिसमें 22 भाग, 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। वर्तमान में इसमें 470 अनुच्छेद हैं।

संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ।

भारत का संविधान दुनिया के किसी भी संप्रभु देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। जिसमें 146,385 शब्द हैं।

भारत का संविधान कई देशों के संविधानों से प्रभावित है, लेकिन इसे मुख्य रूप से भारत सरकार अधिनियम 1935 से लिया गया है। इसके अलावा, कई प्रावधान ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, सोवियत संघ, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका और जापान के संविधानों से लिए गए हैं।

विश्वक सबसे छोटा संविधान किस देश का है ?

मोनाको (Monaco) का संविधान दुनिया का सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें 3,814 शब्द हैं!

मोनाको का संविधान पहली बार 1911 में मोनागास्क क्रांति के बाद अपनाया गया था,इसमें सरकार की तीन शाखाओं की रूपरेखा है, जिसमें कई प्रशासनिक कार्यालय और कई परिषदें शामिल हैं, जो राजकुमार के साथ सलाहकार और विधायी शक्ति साझा करती हैं. संविधान मोनागास्क सिंहासन के उत्तराधिकार की रूपरेखा रेखा को भी परिभाषित करता है।

विश्वक सबसे नया संविधान किसदश का है ?

संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य नेपाल का नया संविधान 2015 को लागू हुआ है। नेपाल में बरसों के राजनैतिक उथल-पुथल और संघर्षो के बाद 20 सितंबर 2015 को नया संविधान लागू किया गया है।

निष्कर्ष:

संविधान के माध्यम से सरकार की शक्ति की घोषणा होती है, और सरकार के विभिन्न अंगों के बीच शक्ति का विभाजन और वितरण होता है, साथ ही एक स्थिर सरकार का गठन भी होता है। वे सामाजिक-आर्थिक विकास और व्यक्तियों के अधिकारों की प्राप्ति और सुविधा के व्यवस्थापक होते हैं।

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