8th Pay Commission 2025 माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इस महीने यानी मई में 8 पे कमीशन गठित कर सकती है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत के साथ बहुप्रतिक्षित 8 पे आयोग को मंजूदी दे दी थी. इससे कर्मचारियों को अपने वेतन और पेंशन होल्डर्स को अपनी पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद है. बीते महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा था कि जल्द ही 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाएगा. हालांकि अभी तक इसके पेनल के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है।
फिलहाल देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इस महीने यानी मई में नया पे कमीशन गठित कर सकती है. वहीं, 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणा करने वाला नंबर होता है, जिससे आपकी पुरानी बेसिक सैलरी को नई सैलरी में बदला जाता है. इसमें पुरानी बेसिक को फिटमेंट फैक्टर के साथ मल्टीप्लाई कर दिया जाता है और जो नंबर आता है, वह नई सैलरी होती है.
7वें वेतन आयोग में भी हुआ था फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल?
बता दें कि 1 जनवरी 2016 को जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था,तब सरकार ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर यूज किया था. इससे सभी कर्मचारियों की सैलरी में 2.5 गुना का इजाफा हुआ था. उदारण के लिए अगर उस समय किसी कर्मचारी की बेसिक सैलकी 10 हजार थी, तो उसकी बढ़कर 25,700 पहुंच गई थी.
8वें वेतन आयोग में कितना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए वेतन आयोग में 2.28 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर रख सकता है. अगर ऐसा होता है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 40 से 50 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है. उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20000 रुपये है तो उसकी 46,600 रुपये से लेकर 57,200 रुपये तक पहुंच जाएगी.
क्या बेसिक सैलरी में होगी 186 फीसदी की बढ़ोतरी?
अगर आठवें वेतन आयोग में पैनल फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक ले जाता है, तो कर्मचारियों के वेतन में 186 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. हालांकि, सरकार की ओर से इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
5 से 7 पे कमीशन के बीच बढ़ी 554 प्रतिशत सैलरी
उल्लेखनीय है कि 5 वें से 7वें पे कमीशन तक केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में करीब 554 प्रतिशत का उठाल आया है. 5वें वेतन आयोग के समय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 2800 रुपये थी, जिसे छठे वेतन आयोग में बढ़ाकर 7000 रुपये कर दिया गया था, जबकि 7 वें वेतन आयोग में ये बढ़का 18000 रुपये पहुंच गई
8वां वेतन आयोग: बिजली, ईंधन, पानी 7वें वेतन आयोग के लिए कैसे तय हुआ 2.57 फिटमेंट फैक्टर ? – FITMENT FACTOR
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी के लिए 8वां वेतन आयोग (CPC) फिटमेंट फैक्टर तय करेगा. इसका केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को बेसब्री से इंतजार है. फिटमेंट फैक्टर से उन्हें पता चलेगा कि उनके वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी.
हालांकि, 8वें पे कमीशन के गठन से पहले अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर के बारे में कई अटकलें लगाई जा रही हैं. चूंकि 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में अभी लंबा समय है, इसलिए कर्मचारियों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि 7वें पे पैनल ने फिटमेंट फैक्टर तय किया था.
बता दें कि 7वें वेतन आयोग ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी, जिसे 6वें CPC के वेतन से गुणा करने पर कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के बारे में पता चलता है. उदाहरण के लिए, 6वें CPC में मिनिमम सैलरी 7000 रुपये था. इसे 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से गुणा करने पर, 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये हो गया.
केन्द्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी के लिए 8वां वेतन आयोग (CPC) फिटमेंट फैक्टर तय करेगा. इसका केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को बेसब्री से इंतजार है. फिटमेंट फैक्टर से उन्हें पता चलेगा कि उनके वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी.
8वें पे कमीशन के गठन से पहले अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर के बारे में कई अटकलें लगाई जा रही हैं. चूंकि 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में अभी लंबा समय है, इसलिए कर्मचारियों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि 7वें पे पैनल ने फिटमेंट फैक्टर तय किया था.
7वें वेतन आयोग ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी, जिसे 6वें CPC के वेतन से गुणा करने पर कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के बारे में पता चलता है. उदाहरण के लिए, 6वें CPC में मिनिमम सैलरी 7000 रुपये था. इसे 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से गुणा करने पर, 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये हो गया.
कैसे तय किया फिटमेंट फैक्टर?
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फिटमेंट फैक्टर 2.57 ही क्यों था, 2.6, 2.9 या कोई और संख्या क्यों नहीं? बता दें कि इसके लिए 7वें वेतन ने एक बहुत ही जटिल गणना के माध्यम से 2.57 फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया. 1957 में 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर, 7वें CPC ने पहली बार तीन लोगों के परिवार के लिए चावल/गेहूं, दाल, कच्ची सब्जियां, हरी सब्जियां, फल, दूध, चीनी, मछली का मांस आदि जैसी बुनियादी जरूरतों की चीजें खरीदने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि निर्धारित की
कितनी तय हुई राशि?
यह राशि लगभग 9217 रुपये निकली. आयोग ने बिजली, ईंधन, पानी के लिए 2304 रुपये, शादी रिक्रिएशन और त्योहार के लिए 2033, स्किल के लिए 3388 और हाउसिंग के लिए 524 रुपये तय किए. उपरोक्त सभी राशियों का योग लगभग 17468. इसमें 524 का तीन प्रतिशत स्टेप-अप जोड़ा गया, जो महंगाई भत्ते के लिए था, जिसके 1 जनवरी, 2016 को 125 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान था.
क्या है वेतन आयोग ?
वेतन आयोग भारत सरकार द्वारा हर दशक (10 वर्ष ) में गठित एक समिति है , जो नागरिक और रक्षा दोनों संघीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव के बारे में सिफारिशें पेश करने के लिए जिम्मेदार है। 1947 में स्थापित, भारत की स्वतंत्रता के बाद से प्रत्येक दशक में सात वेतन आयोगों की स्थापना की गई है ताकि भारत सरकार के सभी नागरिक और सैन्य प्रभागों के काम और वेतन संरचना की समीक्षा की जा सके और सिफारिशें दी जा सकें। नई दिल्ली में मुख्यालय वाले इस आयोग को इसके गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देने का काम सौंपा गया है। जनवरी 2025 में, आठवें वेतन आयोग के गठन को भारत के प्रधान मंत्री से मंजूरी मिली ।