रूस-यूक्रेन संघर्ष Russia Ukraine war : अभी भी चल रहा है. फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया और देश के अधिक हिस्से पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में इसे सबसे बड़ा संघर्ष माना जा रहा है. इस युद्ध में हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई जिसमें कई शरणार्थी शामिल हैं.
जून 2024 को भारत के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया गया था कि रूसी सेना में भर्ती हुए दो भारतीय नागरिक यूक्रेन संघर्ष में मारे गए. साथ ही कहा कि ‘मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए नई दिल्ली स्थित रूसी राजदूत और मॉस्को स्थित रूसी अधिकारियों के समक्ष इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया.’ वहीं भारत ने रूसी सेना द्वारा अपने नागरिकों की और ज्यादा भर्ती रोकने की भी मांग की थी.
रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और उसे अपने में मिला लिया. डोनबास युद्ध में यूक्रेनी सेना से लड़ने वाले रूस समर्थक अलगाववादियों का समर्थन किया.
रूस-यूक्रेन संघर्ष लंबे समय तक खिंचे जाने की वजह से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है
Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तेज हो गया है. रूस ने 6 जून को यूक्रेन पर बड़ा हमला किया, जिसमें 80 लोग घायल हुए और छह की मौत हुई. यूक्रेन ने भी रूस के सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला किया.
मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध और भी ज्यादा तेज हो गया है. 6 जून की रात को रूस ने यूक्रेन पर एक बड़ा हमला किया. इस हमले में रूस ने 452 ड्रोन और 45 मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिसमें राजधानी कीव, चेर्निहिव, लुत्स्क, ल्विव, सुमी, पोल्टावा और अन्य शहरों को निशाना बनाया गया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि इस हमले में 80 लोग घायल हुए और छह लोगों की जान चली गई, जिनमें आपातकालीन कर्मचारी भी शामिल थे. जेलेंस्की ने इसे ‘आम लोगों और शहरों पर रूस का क्रूर हमला’ करार दिया और दुनिया से रूस पर दबाव बढ़ाने की अपील की ताकि युद्धविराम हो सके.
रूस का दावा और जवाब
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने यूक्रेन के 174 ड्रोन नष्ट किए और यह हमला यूक्रेन की ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब’ कार्रवाई का जवाब था. ऑपरेशन स्पाइडरवेब में यूक्रेन ने रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर हमला कर 41 विमानों को नुकसान पहुंचाया था, जिसमें रूस के भारी बमवर्षक और दुर्लभ ए-50 जासूसी विमान शामिल थे. रूस ने कहा कि उसका हमला ‘लक्ष्य हासिल करने’ में सफल रहा, लेकिन यूक्रेन का कहना है कि रूस ने नागरिक ठिकानों पर हमले किए हैं.

मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध और भी ज्यादा तेज हो गया है. 6 जून की रात को रूस ने यूक्रेन पर एक बड़ा हमला किया. इस हमले में रूस ने 452 ड्रोन और 45 मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिसमें राजधानी कीव, चेर्निहिव, लुत्स्क, ल्विव, सुमी, पोल्टावा और अन्य शहरों को निशाना बनाया गया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि इस हमले में 80 लोग घायल हुए और छह लोगों की जान चली गई, जिनमें आपातकालीन कर्मचारी भी शामिल थे. जेलेंस्की ने इसे ‘आम लोगों और शहरों पर रूस का क्रूर हमला’ करार दिया और दुनिया से रूस पर दबाव बढ़ाने की अपील की ताकि युद्धविराम हो
यूक्रेन का जवाबी हमला
रूस के हमले से पहले यूक्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया था. 6 जून की रात को यूक्रेन की सेना ने रूस के एंगेल्स और ड्यागिलेवो हवाई अड्डों को निशाना बनाया, जहां रूस के बमवर्षक विमान तैनात हैं. यूक्रेन ने इसे ‘पहले से रक्षा’ वाला हमला बताया. इस हमले में रूस का एक MI-8 हेलिकॉप्टर पूरी तरह नष्ट हो गया और एक MI-35 हेलिकॉप्टर को नुकसान पहुंचा. इसके अलावा, यूक्रेन ने रूस के सरातोव और रियाजान इलाकों में ईंधन डिपो और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जहां भारी आग और विस्फोटों की खबरें आईं. यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के सैन्य संसाधनों को कमजोर करने के लिए ये हमले किए ताकि रूस के हवाई हमले रोके जा सक
रूस का दावा और जवाब
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने यूक्रेन के 174 ड्रोन नष्ट किए और यह हमला यूक्रेन की ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब’ कार्रवाई का जवाब था. ऑपरेशन स्पाइडरवेब में यूक्रेन ने रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर हमला कर 41 विमानों को नुकसान पहुंचाया था, जिसमें रूस के भारी बमवर्षक और दुर्लभ ए-50 जासूसी विमान शामिल थे. रूस ने कहा कि उसका हमला ‘लक्ष्य हासिल करने’ में सफल रहा, लेकिन यूक्रेन का कहना है कि रूस ने नागरिक ठिकानों पर हमले किए है
रूस के हमले पर क्या बोले ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के हमले को यूक्रेन के हमले का जवाब बताया. उन्होंने 6 जून को पत्रकारों से कहा, ‘यूक्रेन ने पुतिन को हमला करने का कारण दिया. मैंने कहा था कि ऐसा नहीं करना चाहिए, इसे रोकना चाहिए.’ ट्रंप ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के सवाल पर कोई साफ जवाब नहीं दिया और कहा, ‘मैं इसे तभी इस्तेमाल करूंगा जब जरूरी होगा.’ ट्रंप ने पहले भी कहा था कि वह शांति समझौते की उम्मीद में रूस पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस शांति वार्ता में देरी करता है, तो वह कड़े कदम उठा सकते हैं. ट्रंप ने यह भी कहा, ‘अगर मेरी वजह न होती, तो रूस को और बुरे परिणाम भुगतने पड़ते.